उत्‍तराखंड में नदी-नालों के किनारे निर्माण कार्यों पर रोक, सीएम धामी ने कहा- 'उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई'

CM Dhami High Level Meeting

CM Dhami High Level Meeting

देहरादून: CM Dhami High Level Meeting: उत्तरकाशी धराली आपदा के बाद से सरकार लगातार एक्शन मोड पर है. इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून सीएम आवास पर हाईलेवल मीटिंग की. इस बैठक में आपदा प्रबंधन व सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि भविष्य में धराली जैसी आपदाओं से बचाव हो सके.

बैठक के दौरान कई जरूरी फैसले लिए गए हैं. इसमें मुख्य तौर पर निर्देश दिए हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील स्थानों पर किसी भी प्रकार के निर्माण की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों, नदी-नालों के तटों पर भी हर तरह के सरकारी या निजी निर्माण कार्य पर रोक रहेगी.

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील स्थानों की तत्काल पहचान की जाए, जिससे संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके. मुख्यमंत्री धामी ने निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

बता दें कि, उत्तरकाशी जिले के धराली बाजार में बीती 5 अगस्त को खीरगंगा से पानी का सैलाब आया था, जिसने पूरे धराली बाजार को बर्बाद कर दिया है. अब धराली बाजार मलबे के ढेर के नीचे दफन हो चुका है. बीते सात दिनों से धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. फिलहाल राज्य सरकार की तरफ से इस आपदा में 66 लोगों के लापता होने की जानकारी दी है. वहीं पांच लोगों की मौत की बात कही गई है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की रोजाना जानकारी ले रही है. सीएम धामी ने कई दिनों तक आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में कैंप भी किया था. रेस्क्यू ऑपरेशन की खुद मॉनिटरिंग की थी. गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय के मुताबिक आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे करीब 1200 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. अब सरकार को प्रयास मलबे में दबी जिंदगियों को ढूंढना है. इसके अलावा आपदा पीड़ितों को राज्य सरकार की तरफ से पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई है.

वैसे इस समय बढ़ा खतरा हर्षिल घाटी में हेलीपैड पर बनी अस्थाई झील है, जिसकी वजह से गंगोत्री हाईवे भी डूब गया है. ये झील करीब 4 किमी में फैली है और इस झील की वजह से भागीरथी का प्रवाह भी रुक गया है. इसीलिए सिंचाई विभाग समेत अन्य संस्थाओं की टेक्निकल टीम झील को पंचर करने का प्रयास कर रही है, ताकि इस झील से धीरे-धीरे पानी की रिसाव हो और संभावित खतरे को दूर किया जा सके.